For the best experience, open
https://m.groundreport.in
on your mobile browser.
Advertisement seekho_kamao

पेट्रोल, डीज़ल, बिजली के दाम बढ़ना तय: रिपोर्ट

09:30 PM Mar 05, 2023 IST | pallavvjain
पेट्रोल  डीज़ल  बिजली के दाम बढ़ना तय  रिपोर्ट

Climate Kahani: कैम्ब्रिज इकोनोमेट्रिक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जीवाश्म-ईंधन से संबंधित चीजों, जैसे परिवहन और घरेलू ऊर्जा, ने अप्रैल और मई 2022 के बीच भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर में लगभग 20% का योगदान दिया। उस समय भारत के वार्षिक मुद्रास्फीति की दर (सीपीआई) 7 से 8% के बीच थी।

रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 2021 और अगस्त 2022 के बीच, ईंधन और बिजली की क़ीमतें भारत में समग्र उपभोक्ता कीमतों (12%) की तुलना में लगभग पांच गुना तेज़ी से (57%) बढ़ीं। यह उपभोक्ता खर्च में परिलक्षित हुआ था। उदाहरण के लिए, यह अनुमान लगाया गया है कि दिल्ली क्षेत्र में परिवारों ने 2021 की तुलना में, 2022 में ईंधन और बिजली पर 25% अधिक खर्च किए, और 2020 की तुलना में लगभग 50% अधिक – लगभग 4,100 रुपये – खर्च किए हैं। ग्रामीण परिवारों के लिए बिजली पर उनकी आय के अनुपात के मद्देनज़र अधिक खर्च से यह और भी स्पष्ट था।

Advertisement

यह इस तथ्य के बावजूद है कि भारत सरकार ने वैश्विक जीवाश्म ईंधन मूल्य वृद्धि के पूर्ण प्रभाव से जनता को बचाने के लिए सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 0.5% के बराबर बजट किया। हाल ही में बैंगलोर में आयोजित जी20 एनर्जी ट्रांज़िशन वर्किंग ग्रुप की चर्चा अगले 15-20 वर्षों के लिए जीवाश्म ईंधन के निरंतर उपयोग पर परिणामित हुई। 

रिपोर्ट के प्रमुख लेखक कार्ल हेनीमैन ने कहा, “रिन्यूएबल ऊर्जा की लागत पिछले एक दशक में तेज़ी से गिर रही है। अब यह एक जानी-मानी बात है कि जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन की तुलना में रिन्यूएबल ऊर्जा अब बहुत सस्ती है। वास्तव में, भारत नई रिन्यूएबल ऊर्जा परियोजनाओं के लिए दुनिया के सबसे सस्ते स्थानों में से एक है और इन लागतों में और गिरावट आने की उम्मीद है”। 

Advertisement

आरबीआई के अनुसार ग्रिड में रिन्यूएबल ऊर्जा की बढ़ी हुई हिस्सेदारी भी थोक कीमतों में गिरावट का कारण है। इससे भारत में नीति निर्माताओं को रिन्यूएबल ऊर्जा पर खर्च बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए ताकि यह देश को महंगी ऊर्जा में बंद करने के बजाय, जिससे अनिवार्य रूप से मुद्रास्फीति बढ़ेगी, यह सुनिश्चित हो सके कि बिजली उत्पादन के मामले में यह मुख्य आधार बने। जबकि रिन्यूएबल ऊर्जा के लिए सब्सिडी पिछले एक ही साल में बढ़ी है, जीवाश्म ईंधन के लिए समर्थन अभी भी भारत में रिन्यूएबल ऊर्जा से चार गुना अधिक है। जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा वाहक पूरी तरह से टैरिफ, करों, सब्सिडी और मूल्य कैप के माध्यम से विनियमित होते हैं जिससे भारत में रिन्यूएबल ऊर्जा के पूर्ण लाभों का पूरी तरह से अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है।

भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो कुल वैश्विक ऊर्जा मांग में 10% से अधिक की वृद्धि के लिए ज़िम्मेदार है और आने वाले दशकों में इसके तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है। बल्कि महामारी के बाद फिर से खुलने और यूक्रेन-रूस युद्ध से उच्च घरेलू ऊर्जा लागत और राष्ट्रीय आयात बिल से लगता है कि भारत जैसे देशों को ऊर्जा के रिन्यूएबल स्रोतों में निवेश को दोगुना करके ऊर्जा सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना चाहिए। भारत के एनेर्जी मिक्स में कोयले से अलग विविधता लाने के लिए रिन्यूएबल ऊर्जा की तीव्र तैनाती विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। लंबी अवधि में, रिन्यूएबल के विस्तार के साथ-साथ परिवहन और घरेलू ऊर्जा खपत के विद्युतीकरण में वृद्धि अस्थिर जीवाश्म ईंधन की कीमतों के प्रति घरेलू और व्यापार उपभोक्ताओं के जोखिम को कम कर देगा और महंगे सरकारी खर्च की आवश्यकता को सीमित कर देगा।

Advertisement

“भारत में ऊर्जा और मुद्रास्फीति के बीच तगड़ा संबंध, भारत के अपनी अर्थव्यवस्था को डीकार्बोनाइज़ करने के लिए एक मज़बूत मामला बनाता है। इस तर्क का समर्थन करने के लिए निश्चित रूप से सबूत हैं कि रिन्यूएबल ऊर्जा लंबे समय में सीपीआई पर ऊर्जा की कीमतों के प्रभाव को कम कर सकती है। भारत में नए सौर पीवी और पवन ऊर्जा संयंत्रों की प्रति मेगावाट (MWh) जीवनकाल लागत नए कोयले से चलने वाले संयंत्रों और प्राकृतिक गैस आधारित बिजली उत्पादन की तुलना में काफ़ी सस्ती होने का अनुमान है। बिजली उत्पादन में रिन्यूएबल ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने से भारत के थोक बाजार में स्पॉट कीमतों में कमी देखी गई है।”

यह भी पढ़ें

Follow Ground Report for Climate Change and Under-Reported issues in India. Connect with us on FacebookTwitterKoo AppInstagramWhatsapp and YouTube. Write us at GReport2018@gmail.com.

Advertisement

Tags :
Author Image

Pallav Jain

View all posts

Pallav Jain is co-founder of Ground Report and an independent journalist and visual storyteller based in Madhya Pradesh. He did his PG Diploma in Radio and TV journalism from IIMC 2015-16.

Advertisement
Donate us for good journalism
Advertisement
×

We use cookies to enhance your browsing experience, serve relevant ads or content, and analyze our traffic.By continuing to visit this website, you agree to our use of cookies.

Climate Glossary Climate Glossary Video Reports Video Reports Google News Google News