सम्मेद शिखर की लड़ाई राजपत्र में संशोधन तक जारी रहेगी: विश्व जैन संगठन
सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में चल रहे आंदोलन को लेकर आज एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। आईबीसी 24 न्यूज़ चैनल द्वारा खबर चलाई गई की झारखंड सरकार ने ऐलान किया है कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल ही रहने दिया जाएगा। हालांकि चैनल के पास न तो झारखंड मुख्यमंत्री की कोई बाईट है और नही कोई लिखित स्टेटमेंट। ग्राउंड रिपोर्ट ने इस मामले में दिल्ली में आंदोलन को लीड कर रहे विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन से बात की और जाना की जैन समाज अब इस मामले में आगे क्या करने वाला है।
विश्व जैन संगठन ने सम्मेद शिखर को ईको सेंसिटिव ज़ोन बनाने और वहां ईको टूरिज़म की इजाज़त दिए जाने के संबंध में जारी हुए केंद्र सरकार के गजट के विरोध में जनवरी 2022 को अपनी लड़ाई शुरु की थी। विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने ग्राउंड रिपोर्ट को बताया कि उनके पास अभी तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से कोई लिखित आश्वासन नहीं है। ऐसे में हमारा आंदोलन आगे भी इसी तरह जारी रहेगा।
संजय जैन ने बताया कि ‘हमारी लड़ाई केंद्र और राज्य दोनों सरकार से है। ईको टूरिज़म और ईको सेंसिटिव ज़ोन को लेकर जारी हुआ गजट केंद्र सरकार का है, ऐस में इसमें संशोधन भी केंद्र सरकार ही कर सकती है। हम देशभर के जैनों से आह्वान करते हैं कि वो लड़ाई जारी रखें क्योंकि अभी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई हैं। किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ पर विश्वास न करें।’
क्या हैं विश्व जैन संगठन की सम्मेद शिखर को लेकर मांगें-
- संजय जैन ने बताया कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल और ईको टूरिज़म से बाहर किया जाए और इसे पवित्र तीर्थस्थल घोषित किया जाए।
- पर्वत पर हम दूसरों को जाने से नहीं रोक सकते लेकिन वहां पहुंचे लोग जिस तरह दूसरे तीर्थस्थलों के नियमों को मानते हैं, वैसे ही जैनों द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करें।
- इसके लिए पर्वत पर चेक पोस्ट बनाएं जाएं और सीसीटीवी कैमरों का इंतज़ाम किया जाए।
- अगर राज्य सरकार के पास बजट नहीं है तो सारी चीज़ें जैन समाज मुहैय्या करवाने को तैयार है।
- शिखर जी वाईल्ड लाईफ सैंक्चुरी का हिस्सा है, यह ईको सेंसिटिव ज़ोन है, ऐसे में यहां पर्यावरण को बचाने के लिए काम किये जाएं।
- यहां पर अवैध रुप से पेड़ों की कटाई हो रही है जिससे पहाड़ कभी भी दरक जाता है, और हादसों की संभावना बनती है।
- सरकार सभी अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाए।
- सारे आश्वासन लिखित में जैन समाज को सौंपे जाएं।
- और केंद्र सरकार अपने गज़ट में संशोधन कर अपना स्टेटमेंट या प्रेस रीलीज़ जारी करे।
संजय जैन ने कहा कि ‘जब तक जैन समाज की ये मांगे पूरी नहीं हो जाती और केंद्र सरकार गज़ट में संशोधन नहीं करती आंदोलन जारी रखा जाएगा।’
क्या है पूरा मामला?

क्या है पूरा मामला?
- 23 जुलाई 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न्यू झारखंड टूरिज़म पॉलिसी लांच की थी। इसका उद्देश्य कोविड के बाद राज्य के पर्यटन उद्योग को बूस्ट करना था।
- इसके लिए राज्य में सांस्कृतिक, धार्मिक और माईनिंग टूरिज़म को लेकर पॉलिसी तैयार की गई।
- पारसनाथ हिल्स, मधुबन और ईटखोरी को धार्मिक पर्यटन के केंद्र के रुप में सरकार प्रमोट करना चाहती है।
- पारसनाथ हिल्स पर कई मंदिर 2 हज़ार साल से भी ज्यादा पुराने हैं। जैन समाज के 24 में से 20 तीरथंकरों को यहां से मोक्ष प्राप्त हुआ था। इस पहाड़ी का नाम भी 23वे तीरथंकर पारसनाथ के नाम से पर ही है।
- पारसनाथ हिल्स जहां पर सम्मेद शिखर है वो पारसनाथ वाईल्ड लाईफ सैंक्चुरी का हिस्सा है।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सभी वाईल्ड लाईफ सैंक्चुरी के 10 किलोमीटर के दायरे में ईको सेंसिटिव ज़ोन बनाये जा रहे हैं।
- राज्य सरकारों को ईको सेंसिटिव ज़ोन की पहचान कर इसका ड्राफ्ट केंद्र सरकार को भेजना होता है, पर्यावरण मंत्रालय राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद ईको सेंसिटिव ज़ोन नोटिफाय करता है।



- मार्च 2018 को झारखंड सरकार ने पारसनाथ और तपोसांची सैंकचुरी के आसपास ईको सेंसिटिव ज़ोन बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया था।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 2 अगस्त 2019 को पारसनाथ हिल्स को गज़ट जारी कर इको सेंसिटिव ज़ोन घोषित कर दिया था। साथ ही यहां ईको टूरिज़म और रीक्रिएशनल एक्टिविटी की इजाज़त दी थी।
- जब सरकार ने यह कदम उठाया तब किसी भी जैन संगठन से न तो राय मांगी गई न ही उन्हें इसकी जानकारी दी गई।
- जब सोशल मीडिया के माध्यम से यह गज़ट जैन संगठनों के संज्ञान में आया तो
जनवरी 2022 में विश्व जैन संगठन ने इसका विरोध शुरु किया। - 24 मार्च 2022 को नैशनल कमीशन फॉर माईनोरिटी ने झारखंड सरकार से इस मामले में जवाब मांगा।
- संसद के शीतकालीन सत्र में बसपा सांसद हाजी फज़लुर रहमान और बीजेपी सांसद सुनील कुमार सोनी ने इस मुद्दे को उठाया।
- लेकिन अभी तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से कोई पुख्ता बयान इस मामले में नहीं आया है।
- जैन समाज अलग अलग शहरों में इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है।
Also Read
- Sammed Shikhar-Parasnath hills tourism controversy, explained
- Non Veg-Alcohol at Sammed Shikhar Ji, Raged Jains Call for total Ban
Follow Ground Report for Climate Change and Under-Reported issues in India. Connect with us on Facebook, Twitter, Koo App, Instagram, Whatsapp and YouTube. Write us on GReport2018@gmail.com.