For the best experience, open
https://m.groundreport.in
on your mobile browser.
Advertisement

गांव को शहर बनाती सड़क

10:11 PM May 10, 2023 IST | Charkha Feature
गांव को शहर बनाती सड़क

नीतू | उदयपुर, राजस्थान | किसी भी क्षेत्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका कनेक्टिविटी यानी सड़क है. जिस भी गांव का सड़क संपर्क बेहतर रहा है, वहां अन्य क्षेत्रों की तुलना में विकास ने पहले दस्तक दी है. यही कारण है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़क को बेहतर बनाने पर ख़ास ज़ोर दे रही है ताकि आवागमन को बेहतर बनाया जा सके. इससे न केवल लोगों को रोज़गार मिलने में आसानी होती है बल्कि पलायन की समस्या पर भी बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है. सड़क बेहतर होने से किसानों को अपनी फसल को मंडियों तक पहुंचाने में मदद मिलती है जिससे उनकी आय में इज़ाफ़ा होता है. गंभीर बीमारी में ग्रामीणों का शहर के बड़े अस्पताल तक पहुंचना आसान हो जाता है, जिससे मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलती है. केवल एक बेहतर सड़क किसी गांव की आधी समस्या का हल हो जाती है.

देश के सभी गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए सबसे पहले वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने गंभीरता से प्रयास शुरू किया था. इसके लिए 'प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना' (पीएमजीएसवाई) की शुरुआत की गयी थी. गांवों व शहरों को इस योजना के माध्यम से पक्की सड़कों से जोड़ा जाता है. वर्तमान में भारत के लगभग सभी गांवों को पीएमजीएसवाई स्कीम से जोड़ा गया है. देश के सभी छोटे–बड़े गांवों को इस परियोजना के माध्यम से शहरों के साथ जोड़ा जा रहा है. इस योजना का तीसरा चरण साल 2019 मे किया गया था, जिसकी घोषणा केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा की गई थी. पहले दो चरणों का काम सफलतापूर्वक किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में गांवों की सड़कों का पुनरुद्धार कर विकास के नए द्वार खोल दिए गए हैं.

Advertisement

जिन गांवों को इस योजना का लाभ मिला है उसमें राजस्थान का उदयपुर जिला स्थित मालपुर गांव भी है. जहां प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को पक्की सड़क की सौगात मिली है. इस गांव में जब से पक्की सड़क बनी है लोगों की खुशियों का ठिकाना ही नहीं है. ऐसा लगता है कि उनकी ज़िंदगी एक तरह अभी पटरी पर आई है. गांव में पक्की सड़क बनने से कई समस्याओं का हल हो चुका है. जहां किसानों और आम लोगों को इसका लाभ मिला है, वहीं गांव की किशोरियों के सामने उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आ रही बाधा भी दूर हो गई है. इस पर अपनी खुशी बयां करते हुए गांव की किशोरियां सोनिया और रीना का कहना है कि गांव में पक्की सड़क ने महिलाओं और हम किशोरियों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला दिया है. जब सड़क पक्की नहीं थी तो हमें उस सुनसान रास्ते से गुजरने पर भी डर लगता था. माता पिता भी शहर के कॉलेज भेजने में घबराते थे, शाम के बाद कोई इससे गुज़रना नहीं चाहता था, शहर से संपर्क लगभग कटा रहता था.

किशोरियां कहती हैं कि जबसे पक्की सड़क बनी है, अब किसी बात का डर नहीं है. अब गांव की किशोरियां भी आराम से स्कूल और कॉलेज आना जाना कर लेती हैं. यदि किसी कारणवश कॉलेज से आने में लेट भी हो जाती है तो सड़क से गुजरने में जहां हमें कोई डर नहीं रहता है, वहीं अभिभावक भी अब हमारी सुरक्षा को लेकर कम चिंतित होते हैं. अब कोई भी किसी भी समय इस सड़क से गुज़र सकता है. पहले बारिश के समय में कच्ची सड़क पर पानी भर जाता था, जिससे हमें स्कूल और कॉलेज आने जाने में काफी कठिनाई आती थी. बारिश के मौसम में ज़्यादातर लड़कियां स्कूल या कॉलेज आना जाना बंद कर देती थी. लेकिन अब पक्की सड़क ने न केवल समय को बचा दिया है बल्कि समस्याओं को हल भी कर दिया है. सोनिया और रीना उत्साह के साथ कहती हैं कि 'अब हमें अस्पताल जाने में भी कोई दिक्कत नहीं आती है. जब सड़क नहीं थी तो हमें पैदल बहुत दूर तक जाना पड़ता था. बीमार होकर भी पैदल चलना पड़ता था. हमें बहुत थकान महसूस होती थी. हम सोचते थे कि आखिर इस गांव का विकास कब होगा? अब एक सड़क के बन जाने से विकास के कई आयाम पूरे हो गए हैं. अब हम आराम से किसी भी समय शहर चले जाते हैं.

Advertisement

गांव के एक युवा सूरज के अनुसार पहले जब हमारे गांव में सड़क नहीं थी तो कोई बस नहीं आती थी और न ही कोई ऑटो जैसी छोटी गाड़ियां यहां जल्दी आना चाहती थी. सड़क की हालत इतनी खस्ता थी कि उसमें सड़क कम और गढ्ढे अधिक थी. कोई भी सवारी गाड़ी अपनी गाड़ी खराब होने के डर से मालपुर गांव आना नहीं चाहता था. जिससे लोगों को पैदल ही आना जाना करनी पड़ती थी. परंतु अब ऐसा नहीं है. जब से गांव की सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उन्नत हुई है, लोगों का जीवन और आर्थिक स्थिति बदल गई है. अब पहले की तुलना में लोगों ने बाइक और अन्य गाड़ियां खरीदनी शुरू कर दी है, क्योंकि पीएमजीएसवाई ने तस्वीर बदल दी है. इसी पर गांव की एक महिला कमला का कहना है कि जब से सड़क बनी है तो हमारी ज़िंदगी में बहुत सुधार आया है. हम पानी लेने जाते हैं तो हमें गड्ढे का सामना नहीं करना पड़ता है. कहीं और किसी भी समय जाने आने की परेशानी भी ख़त्म हो गई है.

वहीं रेखा का कहना है कि जब से पक्की सड़क बनी है, तब से हमें कोई दिक्कत नहीं आती है. सड़क पक्की होने से हमारे बच्चों को बाइक चलाने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है. उनकी सुरक्षा से जुड़ी हमारी चिंता ख़त्म हो गई है. रेखा कहती हैं कि पहले हमारे गांव में सड़क तो थी, मगर जर्जर होने के कारण साधन की कोई सुविधा नहीं थी, लेकिन अब हमें लगता है कि साधन के सभी स्रोत अब हमारे गांव में भी आएंगे. रमेश ख़ुशी से कहते हैं कि जब गांव में कच्ची सड़क थी, तो हमें बाईक चलाने में भी बहुत दिक्कत हुआ करती थी. जब से गांव में पक्की सड़क बनी है तब से हमारी जिंदगी में खुशियां आई है. अब तो हमारा गांव भी शहर जैसा बन जाएगा. (चरखा फीचर)

Advertisement

यह भी पढ़ें

Ground Report के साथ फेसबुकट्विटर और वॉट्सएप के माध्यम से जुड़ सकते हैं और अपनी राय हमें Greport2018@Gmail.Com पर मेल कर सकते हैं।

Advertisement
Tags :

Charkha Feature

View all posts

Advertisement
Donate us for good journalism
Advertisement
×

We use cookies to enhance your browsing experience, serve relevant ads or content, and analyze our traffic.By continuing to visit this website, you agree to our use of cookies.

Climate Glossary Climate Glossary Video Reports Video Reports Google News Google News